प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025: 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने की नई पहल

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की घोषणा की। इस योजना का उद्देश्य देश के उन 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाना है, जहां फसल उत्पादन कम है। इससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: मत्वपूर्ण बिन्दु

योजना का नाम प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025
लॉन्च किया गया भारत सरकार
किस के द्वारा घोषणा की गईवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
कब शुरू हुआ 1 फ़रवरी, 2025
शामिल जिले 100 जिले
लक्षित लाभार्थी1.7 करोंड़ किसान
प्राथिमक फोकसकम फसल सघनता वाले क्षेत्र
कार्यान्वयनकेन्द्र- राज्य साझेदारी
आवेदन मोडऑनलाइन
महत्वपूर्ण दस्तावेज़आधार कार्ड, बैंक खाता
योजना का प्रकारकेन्द्र सरकार की योजना
प्राथमिक उद्देश्यकृषि उत्पादकता बढ़ाएं

योजना के प्रमुख उद्देश्य

  • कृषि उत्पादकता में वृद्धि: कम उत्पादन वाले जिलों में फसल उत्पादन को बढ़ावा देना।
  • फसल विविधीकरण: किसानों को विभिन्न फसलों की खेती के लिए प्रेरित करना।
  • सतत कृषि पद्धतियों का अपनाना: पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ कृषि तकनीकों को प्रोत्साहित करना।
  • भंडारण सुविधाओं में सुधार: पंचायत और ब्लॉक स्तर पर उपज के बाद भंडारण क्षमताओं को बढ़ाना।
  • सिंचाई सुविधाओं का विकास: सिंचाई की सुविधाओं में सुधार कर फसलों की बेहतर सिंचाई सुनिश्चित करना।
  • वित्तीय सहायता की उपलब्धता: दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की सुलभता को आसान बनाना।

लाभार्थी किसान

इस योजना का मुख्य लाभ उन 100 जिलों के किसानों को मिलेगा, जहां कृषि उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है। इससे विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को सहायता प्राप्त होगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और जीवन स्तर में सुधार होगा।

प्रमुख घटक और लाभ

  • उच्च गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक की आपूर्ति: किसानों को बेहतर गुणवत्ता के बीज और उर्वरक प्रदान किए जाएंगे।
  • आधुनिक कृषि उपकरणों की उपलब्धता: कृषि उपकरणों पर सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
  • तकनीकी प्रशिक्षण: किसानों को नई कृषि तकनीकों और उपकरणों के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • वित्तीय सहायता: कृषि कार्यों के लिए सस्ती दरों पर ऋण और अन्य वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

राज्यों की भागीदारी और कार्यान्वयन

यह योजना राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ कार्यान्वित की जाएगी। राज्य सरकारें केंद्र सरकार के साथ मिलकर नीतियों का निर्माण करेंगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो और किसानों की आय में सुधार हो सके। इसके लिए एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय ‘ग्रामीण समृद्धि और अनुकूलन निर्माण’ कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जो कौशल विकास, निवेश और तकनीकी उन्नयन पर केंद्रित होगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम उत्पादन वाले 100 जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

प्रश्न 2: इस योजना से कितने किसानों को लाभ होगा?

उत्तर: इससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

प्रश्न 3: योजना के तहत कौन से जिले शामिल होंगे?

उत्तर: वे 100 जिले जहां कृषि उत्पादन राष्ट्रीय औसत से कम है, इस योजना में शामिल किए जाएंगे।

प्रश्न 4: किसानों को कौन-कौन से लाभ मिलेंगे?

उत्तर: किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, आधुनिक कृषि उपकरण, तकनीकी प्रशिक्षण और सस्ती दरों पर ऋण जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

प्रश्न 5: योजना का कार्यान्वयन कैसे होगा?

उत्तर: यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों की संयुक्त भागीदारी से लागू की जाएगी, जिसमें स्थानीय स्तर पर पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण और सिंचाई सुविधाओं में सुधार किया जाएगा।


प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना 2025 के माध्यम से सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में समग्र विकास करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा।