नमस्कार दोस्तों | हम आप लोगो जानते है कि भारत की सभी प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSC PCS Railway SSC CGL Airforce CISF Banking और Indian Navy में कर्रेंट अफेयर्स से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यहां पर हर दिन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए Daily Current Affairs Mcq In Hindi की जानकारी दी जा रही हैं।

1.आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 द्वारा निम्नलिखित में से कौन-सा अधिनियम निरस्त किया गया है?
A) भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955
B) पासपोर्ट अधिनियम, 1920
C) सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005
D) राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम, 1980
उत्तर: B
व्याख्या:
आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के द्वारा पासपोर्ट अधिनियम, 1920 को निरस्त किया गया है। यह विधेयक भारत में विदेशियों की प्रवेश, निवास और निर्वासन से संबंधित नए और समेकित प्रावधान लाता है तथा पुराने कानूनों को हटाकर एक आधुनिक, पारदर्शी और सुरक्षा उन्मुख व्यवस्था स्थापित करता है। पासपोर्ट अधिनियम, 1920 ब्रिटिश काल में बना था, जिसे अब इस नए विधेयक से प्रतिस्थापित किया गया है। अतः विकल्प B सही उत्तर है।
2. विधेयक 2025 के अनुसार कौन-सा निकाय वीजा जारी करने और विदेशियों की निगरानी का कार्य करेगा?
A) गृह मंत्रालय
B) प्रवासन आयोग
C) आप्रवासन ब्यूरो ✔
D) सुरक्षा अनुसंधान एजेंसी
उत्तर: C
व्याख्या:
आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के अनुसार, “आप्रवासन ब्यूरो” को वीजा जारी करने, विदेशियों के आगमन, पंजीकरण, प्रवास और निगरानी से संबंधित सभी कार्यों के लिए केन्द्रीय प्राधिकरण के रूप में नामित किया गया है। यह ब्यूरो आधुनिक तकनीक और केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशियों के प्रबंधन में सहायक भूमिका निभाएगा। अतः विकल्प C सही उत्तर है।
3. आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के तहत यदि कोई विदेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो अधिकतम कितने वर्षों की सजा हो सकती है?
A) तीन वर्ष
B) पाँच वर्ष ✔
C) सात वर्ष
D) दो वर्ष
उत्तर: B
व्याख्या:
आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के तहत यदि कोई विदेशी नागरिक बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है या अनधिकृत रूप से निवास करता है, तो उसे अधिकतम पाँच वर्ष तक की सजा हो सकती है। यह प्रावधान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमा नियंत्रण और कानूनी प्रवासन प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया गया है। यह विधेयक पुराने कानूनों की तुलना में अधिक कठोर और समकालीन है। अतः विकल्प B सही उत्तर है।
4.आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के तहत अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने पर अधिकतम जुर्माना कितने रुपये निर्धारित किया गया है?
A) ₹50,000
B) ₹1 लाख
C) ₹5 लाख ✔
D) ₹10 लाख
उत्तर: C
व्याख्या:
आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति अवैध रूप से भारत में प्रवेश करता है या बिना वैध वीजा या दस्तावेजों के यहाँ रहता है, तो उस पर अधिकतम ₹5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह विधेयक भारत की सीमा सुरक्षा को मजबूत करने और अनियमित प्रवास पर कठोर नियंत्रण स्थापित करने के उद्देश्य से लाया गया है। अतः विकल्प C सही उत्तर है।
5. कौन-सा अधिकारी बिना वारंट के भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक को गिरफ्तार कर सकता है?
A) हवलदार
B) सिपाही
C) हेड कांस्टेबल ✔
D) थाना प्रभारी
उत्तर: C
व्याख्या: आप्रवास और विदेशी विषयक विधेयक, 2025 के प्रावधानों के अनुसार, कोई भी हेड कांस्टेबल (Head Constable) या उससे ऊपर का अधिकारी बिना वारंट के भारत में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिक को गिरफ्तार कर सकता है। यह प्रावधान देश की सुरक्षा और अवैध प्रवासन पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया है, जिससे पुलिस को प्रभावी ढंग से निगरानी और नियंत्रण का अधिकार प्राप्त हो। अतः विकल्प C सही उत्तर
6. हुई और मैकडोनाल्ड द्वीपों को कौन-सा देश प्रशासित करता है?
A) अमेरिका
B) ऑस्ट्रेलिया ✔
C) भारत
D) फ्रांस
उत्तर: B
व्याख्या:
हुई और मैकडोनाल्ड द्वीपों (Heard and McDonald Islands) को ऑस्ट्रेलिया प्रशासित करता है। ये द्वीप हिंद महासागर में स्थित हैं और पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से संरक्षित, मानव रहित तथा ज्वालामुखीय गतिविधियों वाले क्षेत्र हैं। इन्हें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। अतः विकल्प B सही उत्तर है।
7.हुई और मैकडोनाल्ड द्वीप किस महासागर में स्थित हैं?
A) अटलांटिक महासागर
B) प्रशांत महासागर
C) हिन्द महासागर ✔
D) आर्कटिक महासागर
उत्तर: C
व्याख्या:
हुई और मैकडोनाल्ड द्वीप (Heard and McDonald Islands) हिंद महासागर में स्थित हैं। ये द्वीप ऑस्ट्रेलिया के अधीन क्षेत्र हैं और दक्षिणी हिंद महासागर के दूरदराज़ क्षेत्र में स्थित होने के कारण यहाँ ज्वालामुखीय गतिविधियाँ, ग्लेशियर, तथा समृद्ध जैव विविधता पाई जाती है। यह क्षेत्र पर्यावरणीय शोध और संरक्षण की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः विकल्प C सही उत्तर है।
8.हुई और मैकडोनाल्ड द्वीपों की कौन-सी विशेषता उन्हें भूगर्भीय अध्ययन हेतु महत्त्वपूर्ण बनाती है?
A) तेल भंडार
B) मानव बस्ती
C) सक्रिय ज्वालामुखीय प्रकृति ✔
D) परमाणु अनुसंधान
उत्तर: C
व्याख्या:
हुई और मैकडोनाल्ड द्वीपों की सबसे विशिष्ट विशेषता इनकी सक्रिय ज्वालामुखीय प्रकृति है, जो इन्हें भूगर्भीय अध्ययन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण बनाती है। ये द्वीप दुनिया के कुछ ऐसे दुर्लभ स्थानों में हैं जहाँ सक्रिय ज्वालामुखी और ग्लेशियर एक ही स्थान पर पाए जाते हैं। इन द्वीपों का अध्ययन पृथ्वी की आंतरिक संरचना, प्लेट विवर्तनिकी और जलवायु परिवर्तन की समझ को बेहतर बनाने में सहायता करता है। अतः विकल्प C सही उत्तर है।
9.हुई और मैकडोनाल्ड द्वीपों की किस वैश्विक सूची में सम्मिलित किया गया है?
A) G7 देश
B) यूनेस्को विश्व धरोहर ✔
C) नाटो सहयोगी
D) विश्व जलवायु रिपोर्ट
उत्तर: B
व्याख्या:
हुई और मैकडोनाल्ड द्वीपों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची (UNESCO World Heritage List) में शामिल किया गया है। इन द्वीपों को यह दर्जा उनकी प्राकृतिक शुद्धता, समृद्ध जैव विविधता, और सक्रिय ज्वालामुखीय विशेषताओं के कारण मिला है। यह क्षेत्र मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त है और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र के अध्ययन तथा संरक्षण के लिए एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। अतः विकल्प B सही उत्तर है।
10.हुई और मैकडोनाल्ड द्वीप किस क्षेत्रीय श्रेणी में आते हैं?
A) एशियाई उष्णकटिबंधीय द्वीप
B) उप-अंटार्कटिक निर्जन द्वीप ✔
C) प्रशांत महासागर के ज्वालामुखी द्वीप
D) आर्कटिक महासागर के हिम द्वीप
उत्तर: B
व्याख्या:
हुई और मैकडोनाल्ड द्वीप एक उप-अंटार्कटिक निर्जन द्वीप समूह हैं, जो दक्षिणी हिंद महासागर में स्थित हैं। इन द्वीपों की जलवायु ठंडी, पवनप्रवण और बर्फीली होती है तथा ये मानवीय बस्तियों से रहित हैं। इनकी स्थिति अंटार्कटिक के निकट होने के कारण इन्हें उप-अंटार्कटिक क्षेत्रीय श्रेणी में रखा गया है। इनका पर्यावरणीय और भूगर्भीय महत्व वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है। अतः विकल्प B सही उत्तर है।
11. SEWA द्वारा संचालित ‘हीट माइक्रो-इंश्योरेंस प्रोग्राम’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A) स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण
B) ऊष्मा तरंगों से प्रभावित महिला श्रमिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना ✔
C) बीमा कंपनियों को लाभ पहुंचाना
D) केवल शहरी महिलाओं को सब्सिडी देना
उत्तर: B
व्याख्या:
SEWA (Self Employed Women’s Association) द्वारा संचालित ‘हीट माइक्रो-इंश्योरेंस प्रोग्राम’ का मुख्य उद्देश्य ऊष्मा तरंगों (Heatwaves) से प्रभावित महिला श्रमिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह कार्यक्रम खासकर गैर-संगठित क्षेत्र की महिलाओं के लिए है जो अत्यधिक गर्मी के कारण स्वास्थ्य और आजीविका दोनों की दृष्टि से जोखिम में होती हैं। इस बीमा योजना के तहत उन्हें बीमारी, कार्य क्षति या आय में कमी की स्थिति में आर्थिक सहायता दी जाती है। अतः विकल्प B सही उत्तर है।
12. आपदा सखी की अवधारणा से भारत के आपदा प्रबंधन ढांचे में कौन-सा सकारात्मक परिवर्तन अपेक्षित है?
A) आपदा में केवल पुरुषों की भागीदारी
B) महिलाओं को निर्णय प्रक्रिया से दूर रखना
C) समुदाय आधारित लिंग समावेशी आपदा तैयारी ✔
D) केवल शहरी क्षेत्रों में महिला सहभागिता
उत्तर: C
व्याख्या:
आपदा सखी की अवधारणा का उद्देश्य भारत के आपदा प्रबंधन ढांचे में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना है, जिससे लिंग समावेशी और समुदाय आधारित आपदा तैयारी को बल मिलता है। यह पहल महिलाओं को स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित कर उन्हें आपदा की स्थिति में प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार करती है। इससे सामाजिक न्याय, स्थायित्व और समावेशी विकास को प्रोत्साहन मिलता है। अतः विकल्प C सही उत्तर है।
13.फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 2025 किस सरकारी संस्था की प्रमुख नीति पहल का अंग है, जिसका उद्देश्य राज्यों की वित्तीय स्थिति का तुलनात्मक आकलन करना है?
A) वित्त मंत्रालय
B) नीति आयोग ✔
C) आरबीआई
D) कैबिनेट सचिवालय
उत्तर: B
व्याख्या: फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 2025 नीति आयोग की एक प्रमुख नीति पहल है, जिसका उद्देश्य राज्यों की वित्तीय स्थिति का तुलनात्मक रूप से आकलन करना है। यह सूचकांक राज्यों की राजकोषीय प्रबंधन क्षमता, राजस्व संग्रह, व्यय दक्षता, और ऋण प्रबंधन जैसे विभिन्न मापदंडों पर आधारित होता है। नीति आयोग इस पहल के माध्यम से राज्यों को बेहतर वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता की दिशा में प्रेरित करता है।
14. फिस्कल हेल्थ इंडेक्स के निर्माण में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की भूमिका किस प्रकार की है?
A) केवल जनगणना में सहयोग
B) वित्तीय डेटा संग्रह और विश्लेषण ✔
C) नीति निर्माण में भागीदारी
D) स्वास्थ्य योजनाएं लागू करना
उत्तर: B
व्याख्या: फिस्कल हेल्थ इंडेक्स के निर्माण में नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की भूमिका वित्तीय डेटा के संग्रह और विश्लेषण की होती है। CAG राज्यों के वित्तीय लेन-देन, राजस्व व व्यय की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है, जो इस इंडेक्स के लिए आवश्यक आंकड़ों का प्रमुख स्रोत होती है।
15. फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में शामिल राज्यों का चयन किस आधार पर किया गया है?
A) केवल जनसंख्या के आधार पर
B) राजनीतिक स्थिरता
C) कुल सार्वजनिक व्यय, राजस्व, जनसंख्या और आर्थिक योगदान ✔
D) केवल गरीबी रेखा के नीचे की संख्या
उत्तर: C
व्याख्या:
फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में राज्यों का चयन उनके भारत की GDP में योगदान, जनसांख्यिकी, कुल सार्वजनिक व्यय, राजस्व, और समग्र वित्तीय स्थिरता के आधार पर किया गया है। इन मापदंडों के माध्यम से, नीति आयोग उन 18 प्रमुख राज्यों का आकलन करता है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस चयन प्रक्रिया का उद्देश्य राज्यों की वित्तीय सेहत का तुलनात्मक विश्लेषण करना और उनके वित्तीय प्रबंधन में सुधार के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना है।
16. फिस्कल हेल्थ इंडेक्स के कौन-से उप-सूचकांक राज्यों के राजकोषीय अनुशासन का आकलन करने के लिए प्रयुक्त होते हैं?
A) शिक्षा और स्वास्थ्य खर्च
B) ऋण चुकाने की क्षमता और व्यय की गुणवत्ता ✔
C) व्यापार निवेश और निर्यात
D) कृषि उत्पादन और रोजगार
उत्तर: B
व्याख्या:
फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में राज्यों के राजकोषीय अनुशासन का आकलन करने के लिए ऋण चुकाने की क्षमता और व्यय की गुणवत्ता जैसे उप-सूचकांकों का उपयोग किया जाता है। ये सूचकांक इस बात को मापते हैं कि राज्य अपने कर्ज को कितनी प्रभावी तरीके से चुका रहे हैं और उनका सार्वजनिक व्यय कितना उद्देश्यपूर्ण और परिणामोन्मुखी है। व्यय की गुणवत्ता यह दर्शाती है कि सरकार की खर्च करने की नीति विकासोन्मुख है या नहीं।
17. फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 2025 में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य निम्न में से कौन-सा है?
A) महाराष्ट्र
B) पंजाब
C) ओडिशा ✔
D) उत्तर प्रदेश
उत्तर: C
व्याख्या:
फिस्कल हेल्थ इंडेक्स 2025 में ओडिशा राज्य ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जिसका कुल स्कोर 67.8 है। ओडिशा ने विशेष रूप से ऋण सूचकांक (99.0) और ऋण स्थिरता (64.0) में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। इन मापदंडों में उत्कृष्टता दर्शाती है कि ओडिशा की वित्तीय प्रबंधन क्षमता मजबूत है, जिसमें कम राजकोषीय घाटा, संतुलित ऋण प्रोफ़ाइल, और पूंजीगत व्यय का उच्च अनुपात शामिल है। इन कारणों से, ओडिशा फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में सर्वोच्च स्थान पर है।
18.फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में वित्तीय अनुशासन का सूचक किस पहलू को दर्शाता है?
A) सरकारी कर्मचारियों की संख्या
B) योजनाओं का प्रसार
C) बजट प्रबंधन और व्यय संतुलन ✔
D) मीडिया निगरानी
उत्तर: C
व्याख्या:
फिस्कल हेल्थ इंडेक्स में वित्तीय अनुशासन का सूचक बजट प्रबंधन और व्यय संतुलन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है। यह सूचक इस बात का मूल्यांकन करता है कि कोई राज्य अपने आय-व्यय को कितनी कुशलता से संतुलित करता है और बजटीय लक्ष्यों का पालन करता है या नहीं। संतुलित बजट, नियंत्रित राजकोषीय घाटा, और योजनागत व्यय की प्राथमिकता राज्य की वित्तीय अनुशासन क्षमता को दर्शाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग कर रहा है या नहीं। यह पहलू दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
19. फिस्कल हेल्थ इंडेक्स के माध्यम से राज्य सरकारों में किस प्रकार की प्रतिस्पर्धात्मकता उत्पन्न होती है?
A) राजनीतिक वर्चस्व की
B) क्षेत्रीय असमानता की
C) वित्तीय दक्षता और सार्वजनिक सेवा वितरण की ✔
D) कर अपवंचन की
उत्तर: C
व्याख्या:
फिस्कल हेल्थ इंडेक्स के माध्यम से राज्य सरकारों में वित्तीय दक्षता और सार्वजनिक सेवा वितरण को लेकर प्रतिस्पर्धात्मकता उत्पन्न होती है। यह इंडेक्स राज्यों की वित्तीय स्थिति, व्यय की गुणवत्ता, राजस्व संग्रहण और ऋण प्रबंधन जैसे पहलुओं का तुलनात्मक मूल्यांकन करता है। इसके आधार पर राज्यों को रैंकिंग दी जाती है, जिससे वे अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रेरित होते हैं। इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलता है और राज्य अपने संसाधनों का उपयोग अधिक पारदर्शिता और कुशलता से करने लगते हैं, जिससे जनसेवा की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
20. संशोधित ‘घरेलू स्तर पर विनिर्मित लौह और इस्पात उत्पाद नीति-2025’ का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
A) इस्पात निर्यात को बढ़ावा देना
B) सरकारी अनुबंधों में विदेशी कंपनियों को प्राथमिकता देना
C) सरकारी खरीद में देश में निर्मित इस्पात उत्पादों को प्राथमिकता देना ✔
D) इस्पात के दामों को नियंत्रित करना
उत्तर: C
व्याख्या:
संशोधित ‘घरेलू स्तर पर विनिर्मित लौह और इस्पात उत्पाद नीति-2025’ का प्रमुख उद्देश्य सरकारी खरीद में देश में निर्मित इस्पात उत्पादों को प्राथमिकता देना है। इस नीति के तहत, सभी सरकारी मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, ट्रस्टों और सांविधिक निकायों को स्थानीय रूप से निर्मित लौह और इस्पात उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता देनी होगी, विशेष रूप से उन अनुबंधों में जिनकी लागत ₹5 लाख से अधिक है। यह कदम घरेलू इस्पात उद्योग को सशक्त बनाने और सस्ते आयात से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाया गया है।
21. घरेलू इस्पात खरीद नीति-2025 में पूंजीगत वस्तुओं में मूल्य संवर्धन से तात्पर्य किस प्रमुख प्रावधान से है?
A) सभी वस्तुओं को विदेश से खरीदना
B) किसी भी वस्तु में 100% मूल्य संवर्धन करना
C) भट्टियों और रोलिंग मिलों में न्यूनतम 50% देश में मूल्य संवर्धन करना ✔
D) मूल्य संवर्धन केवल निर्यात के लिए अनिवार्य करना
उत्तर: C
व्याख्या:
घरेलू इस्पात खरीद नीति-2025 के तहत, इस्पात उत्पादन में प्रयुक्त पूंजीगत वस्तुओं, जैसे भट्टियों और रोलिंग मिलों, में न्यूनतम 50% का देश में मूल्य संवर्धन अनिवार्य किया गया है। इस प्रावधान का उद्देश्य घरेलू उद्योगों को सशक्त बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है। बोलीदाता इस मूल्य संवर्धन का स्वयं प्रमाणन करेंगे, और पूंजीगत वस्तुओं के लिए स्वतंत्र लेखा परीक्षकों द्वारा इसकी पुष्टि आवश्यक होगी। यह नीति ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो घरेलू उत्पादन और तकनीकी विकास को बढ़ावा देती है।
22. संशोधित इस्पात नीति के अंतर्गत किस प्रकार के इस्पात उत्पादों को प्राथमिकता दी गई है?
A) केवल कोल्ड रोल्ड स्टील
B) विदेश में निर्मित और सस्ता इस्पात
C) घरेलू स्तर पर विनिर्मित इस्पात ✔
D) केवल पिग आयरन
उत्तर: C
व्याख्या:
संशोधित इस्पात नीति के अंतर्गत सरकारी खरीद में घरेलू स्तर पर निर्मित इस्पात उत्पादों को प्राथमिकता दी गई है। इस नीति का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देना और सस्ते आयात से घरेलू इस्पात उद्योग की रक्षा करना है। सभी सरकारी मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों को स्थानीय रूप से निर्मित इस्पात उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता देने के लिए निर्देशित किया गया है। इस कदम से घरेलू इस्पात निर्माताओं को समर्थन मिलेगा और आयात पर निर्भरता कम होगी।
23. भारत सरकार द्वारा इस्पात खरीद नीति को सख्त करने के पीछे मुख्य नीति-उद्देश्य क्या है?
A) चीन को इस्पात आपूर्ति बढ़ाना
B) देश में इस्पात की खपत घटाना
C) आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घरेलू निर्माण को प्रोत्साहन देना ✔
D) कोयले का उत्पादन सीमित करना
उत्तर: C
व्याख्या:
भारत सरकार द्वारा इस्पात खरीद नीति को सख्त करने का मुख्य उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करना है। संशोधित ‘घरेलू स्तर पर विनिर्मित लौह और इस्पात उत्पाद नीति-2025’ के अनुसार, सभी सरकारी मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों को स्थानीय रूप से निर्मित लौह और इस्पात उत्पादों की खरीद को प्राथमिकता देनी होगी। इस नीति का उद्देश्य सस्ते आयात से घरेलू इस्पात उद्योग की रक्षा करना और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना है।
24. घरेलू इस्पात नीति-2025 में निर्धारित मूल्य सीमा जिसके ऊपर ग्लोबल टेंडर पर प्रतिबंध लागू होता है, वह क्या है?
A) 100 करोड़ रुपये
B) 150 करोड़ रुपये
C) 200 करोड़ रुपये ✔
D) 300 करोड़ रुपये
उत्तर: C
व्याख्या: घरेलू इस्पात नीति-2025 के अनुसार, ₹200 करोड़ तक के सरकारी अनुबंधों के लिए वैश्विक निविदाओं (ग्लोबल टेंडर) पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उद्देश्य सरकारी खरीद में घरेलू स्तर पर निर्मित लौह और इस्पात उत्पादों को प्राथमिकता देना और विदेशी प्रतिस्पर्धा को सीमित करना है। यह नीति 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी है और पांच वर्षों तक लागू रहेगी।